सुशील कुमार मोदी एक आधुनिक वर्षकार

एक सुशील कुमार मोदी  ने भाजपा को आने वाले दिनों में बर्बाद कर देने के लिए एक ऐसी साजिश रची है जो वर्षकार ही कर सकता था। संभव है वे नीतीश कुमार के वर्षकार हों।

 

एक ही परिवार के चार व्यक्तियों को बिहार में लोक सभा के टिकट दिलवा कर सुशील मोदी ने भाजपा को इस लायक ही नहीं छोड़ा कि भाजपा अब कभी भी परिवार-वाद का विरोध कर पाये। यह एक ऐसी हालत है मानो कोई घर-वधू अपने पति के हाथों वेश्यावृत्ति करती हुई पकड़ी गयी हो।

 

पासवान के माध्यम से तीन बाहुबलियों को लोक-सभा में आने का रस्ता खोल कर, सुशील मोदी ने भाजपा का मुंह राजनीति के अपराधीकरण विषय पर खोलने से हमेशा के लिए बन्द कर दिया है। नरेन्द्र मोदी भले ही इस बात को नहीं देख पा रहे हों फिर भी हिन्दी फ़िल्मों की ज़ुबान में यही कहना होगा कि “दुश्मन न करे दोस्त ने वो काम किया है”

 

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